रोबोट और एआई की साझेदारी पहले से कहीं तेज़ी से विकसित हो रही है। ये अब केवल टूल्स नहीं हैं – बल्कि प्रक्रियाओं के सक्रिय भागीदार बन चुके हैं। इस विषय पर हमने अपने पिछले पोस्ट में विस्तार से लिखा था। आज हम रोबोटिक्स इंडस्ट्री के प्रमुख ट्रेंड्स और विश्लेषकों के अंदाज़ों पर बात करेंगे जो दुनिया की नई टेक्नो-इन्फ्रास्ट्रक्चर को आकार दे रहे हैं।
5 ट्रेंड्स
1. एआई: सिर्फ दिमाग़ नहीं, मोटर भी है
फिजिकल, एनालिटिकल और जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रोबोट्स की मूवमेंट, अनुकूलन और फैसले करने की क्षमता को नियंत्रित करता है। एआई की मदद से रोबोट अपने वातावरण में बदलाव के अनुकूल खुद को ढाल सकते हैं और इंसानी हस्तक्षेप के बिना कार्य कर सकते हैं।
2. कोबॉट्स: इंसान के साथ काम करने वाले स्मार्ट सहायक
कोलेबोरेटिव रोबोट्स ज़्यादा सुरक्षित, स्वायत्त और उपयोग में आसान होते जा रहे हैं। 2025 में ये सिर्फ इंसान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम नहीं करते हैं, बल्कि उनके कार्यों का पूर्वानुमान लगाकर उत्पादकता बढ़ाते हैं और लागत घटाते हैं।
3. ह्यूमैनॉइड्स: इंसान की ओर एक कदम
ह्यूमैनॉइड रोबोट्स तेज़ी के साथ लैब्स से बाहर निकलकर असल दुनिया में प्रवेश कर रहे हैं। इनका इस्तेमाल स्वास्थ्य सेवाओं, सामाजिक सहायता और खतरनाक इलाकों में किया जा रहा है। ह्यूमैनॉइड रोबोट्स का बाज़ार 2024 में $2 अरब से बढ़कर 2030 तक $15.26 अरब तक पहुंच सकता है।
4. ⃣ डिजिटल ट्विन्स: रियलिटी की वर्चुअल कॉपियाँ
मशीनों और प्रक्रियाओं के वर्चुअल मॉडल्स के ज़रिए हम संभावित ख़राबियों की भविष्यवाणी कर सकते हैं, उत्पादन को बेहतर बना सकते हैं और जोखिम रहित प्रशिक्षण दे सकते हैं। इससे रोबोट्स की तैनाती आसान हो जाती है और लागत में भी कमी आती है।
5. ⃣ सस्टेनेबिलिटी: पर्यावरण के अनुकूल रोबोटीकरण
निर्माता अब ऊर्जा दक्षता, कम अपशिष्ट और टिकाऊ सामग्री पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। रोबोट्स अब «ग्रीन» उत्पादन का हिस्सा बनते जा रहे हैं।
विश्लेषकों के अंदाज़े
«एलन मस्क के अनुसार, 2040 तक पृथ्वी पर इंसानों से ज़्यादा ह्यूमैनॉइड रोबोट्स होंगे और इनकी संख्या 10 बिलियन तक पहुँच सकती है। लेकिन असली सवाल यह नहीं है कि वे क्तने होंगे, बल्कि उनकी चेतना में क्या होगा? कौन उनके लॉजिक, प्राथमिकताओं और निर्णयों को नियंत्रित करेगा?
21वीं सदी में सिर्फ एआई बनाना ही नहीं, बल्कि यह भी समझना उतना ही महत्वपूर्ण है कि वह निर्णय कैसे और किन सिद्धांतों के आधार पर लेगा।
AI एजेंट्स अब केवल टूल्स नहीं रह गए – वे ऐसे प्रक्रियाओं के सक्रिय भागीदार बन चुके हैं जो अर्थव्यवस्था, संचार और विश्वास को प्रभावित करते हैं।
DigiU में हम एक ऐसी इन्फ्रास्ट्रक्चर बना रहे हैं जहाँ AI कॉरपोरेशन्स के हित में नहीं, इंसान के हित में काम करे,» DigiU के CEO ने कहा।
ख़बरों का पालन करें!
समाचार साझा करने के लिए, कृपया अपना व्यक्तिगत कैबिनेट में जाएं!
कैबिनेट में प्रवेश करें